देश बढ़े बैंक को ही साइबर अपराधियों के निशाने पर
Cyber Criminals in the Country
(अर्थ प्रकाश/ बोम्मा रेडड्डी )
हैदराबाद : Cyber Criminals in the Country: (तेलंगाना) साइबर अपराधी कुछ बैंकों के ग्राहक को ही ज्यादा निशाना बनाया जाना परेशान करने वाला बात है.
इनसे सबसे ज्यादा प्रभावित देश के दो सबसे बड़े बैंकों स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया दूसरा एचडीएफसी भी है वे सरकारी और निजी क्षेत्र के ग्राहक होते हैं। पिछले साल अक्टूबर में गृह मंत्रालय के तहत साइबर सेफ संगठन ने फोन बैंकिंग के नाम पर धोखाधड़ी का विश्लेषण किया था।
देशभर में सबसे ज्यादा ग्राहकों के साथ एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर निजी क्षेत्र का HAAFEC बैंक है। अक्टूबर 2023 में देशभर में 8,760 धोखाधड़ी हुईं, जिनमें से 2,624 एसबीआई और 1,299 एचडीएफसी बैंक के खाते थे। यह पाया गया है कि लगभग 45 प्रतिशत साइबर धोखाधड़ी ने इन दोनों बैंकों के ग्राहकों को निशाना बनाया।
डेटा मैनेजमेंट में उतार-चढ़ाव.. इन दोनों बैंकों के ग्राहकों को टारगेट करने की वजह डेटा मैनेजमेंट में उतार-चढ़ाव कमजोर व्यवस्था बैंक की डाटा बाहर जाने के मामले में भी संदिग्ध है समझ में आता है. बैंक खाता खोलते समय ई-केवाईसी के लिए आधार, पैन, व्यक्तिगत पता, फोन नंबर जैसे सभी डेटा दिए जाते हैं। बैंकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ये जानकारियां लीक न हों. ऐसा नहीं हो रहा है.
कुछ तो बैंकों के घरेलू चोर अपना डेटा साइबर अपराधियों को भारी रकम उगाही के लिए अच्छी कीमत पर बेचते हैं। बताया जाता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी का मुख्य कारण यह है कि वे ज्यादातर ग्रामीण इलाकों से होते हैं या फिर बैंक अधिकारियों के ऊपर ज्यादा विश्वास करना भी शक के दायरे में आ रहा है
कानूनी नियम कहते हैं की सभी डाटा सेफ्टी मामले पर निजी बैंक तीसरे पक्ष की कंपनियों द्वारा डेटा प्रबंधन, क्रेडिट और डेबिट कार्ड सेवाओं के लिए कॉल सेंटर संभालते हैं। यहां से खाताधारकों की डिटेल सामने आ रही है.
कुछ शिकायत सरकार को भी भेजी गई है कि ऑनलाइन सामानों की खरीदी बिक्री के मामले में बड़ी-बड़ी कंपनियां रिटेलर्स लोगों के दैनिक उपयोगी सामग्री दालचीनी शक्कर के अलावा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण वगैरा बेचने का ऑफर के नाम से ग्राहकों को लुभाते हैं जब ऑर्डर बुक करते हैं उसे ऑर्डर के साथ-साथ अपना डेबिट कार्ड मोबाइल नंबर लोकेशन भी मांग कर लेते हैं वहीं से प्रारंभ होता है एक दूसरा तरीका इसे तत्काल रोकने के लिए कहा अगर नहीं होता है तो इस मामले को सुप्रीम में तलब करने की भी कोशिश की जा रही है इस तरह ऑनलाइन पेमेंट से सुविधा तो बनती है इस तरह ऑनलाइन पेमेंट में धोखा और ग्राहकों को परेशान होने से इसके जिम्मेदार कौन होंगे या सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर कर तलब किया जाना जरूरी है कहते हुए आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के अधिवक्ताओं ने भी हैदराबाद में चर्चा रही।